" मेटà¥à¤°à¥‹ रिपोरà¥à¤Ÿà¤° " सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• हिनà¥à¤¦à¥€ समाचार पतà¥à¤° का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2005 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ से हà¥à¤† । पà¥à¤°à¤¥à¤® अंक का पà¥à¤°à¤•ाशन 8 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2005 को हà¥à¤† ।     समाचार पतà¥à¤° का पà¥à¤°à¤•ाशन करने के पीछे पà¥à¤°à¤•ाशक का धà¥à¤¯à¥‡à¤¯ था कि उन लोगों की आवाज à¤à¥€ सतà¥à¤¤à¤¾ के गलियारों तक पहà¥à¤‚चे जिनकी आवाज बड़े अखबारों तक à¤à¥€ नही पहà¥à¤‚च पाती । पहले दिन से यह पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¥€ रहा कि यह अखबार आम जनता की आवाज बने । गाà¤à¤µ - देहात व गली मोहलà¥à¤²à¥‹à¤‚ में छिपी पड़ी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤“ं को समाज के समकà¥à¤· लाकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करना à¤à¥€ समाचार पतà¥à¤° की नीति रही ।     सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® जब समाचार पतà¥à¤° का पà¥à¤°à¤•ाशन हà¥à¤† तो पाठकों की संखà¥à¤¯à¤¾ 500 - 600 के लगà¤à¤— रही । धीरे धीरे पाठकों की संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¤à¥€ गई । मारà¥à¤š 2018 में मेटà¥à¤°à¥‹ रिपोरà¥à¤Ÿà¤° समाचार पतà¥à¤° ऑनलाइन किया गया । ऑनलाइन होने के बाद समाचार पतà¥à¤° के पाठकों की संखà¥à¤¯à¤¾ में आशातीत वृदà¥à¤§à¤¿ हà¥à¤ˆ । वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में पाठकों की संखà¥à¤¯à¤¾ हजारों का आंकड़ा पार कर चà¥à¤•ी है । समाचार पतà¥à¤° वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में सीमित संसाधनों के साथ बà¥à¤²à¥ˆà¤• à¤à¤¨à¥à¤¡ वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿ ही छप रहा है । à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में संसाधन बà¥à¤¨à¥‡ पर समाचार पतà¥à¤° का पà¥à¤°à¤•ाशन रंगीन à¤à¥€ किये जाने की योजना है